Monday, September 12, 2011

बहुत दिन हो गए शायद सहारा कर लिया उसने -- वासी शाह...

तहय्युर-ए-तक़रीर-ए-अक्स: बहुत दिन हो गए शायद सहारा कर लिया उसने -- वासी शाह...: बहुत दिन हो गए शायद सहारा कर लिया उसने, हमारे बाद भी आखिर गुजरा कर लिया उसने. हमारा जिक्र तो उसके लबों पर आ नहीं सकता, हमें एहसास है हमसे कि...

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